रुख़सत कहा है अपनों से दिल की....
कितना समय लगेगा
मेरे दिल को बेचैनी हो रहा है
तेरे बिन मेरा दिन गुजर नही रहा हैं
आँखों में बेचैनी छाई है
तुम्हें देखने का मन आई है
तुम मेरे पास आ जाओ
तुम्हे अपना बना लेंगे
तुम्हें दिल से निभा लेंगे....
तुम दिल को मिला लो
हम तुम्हे अपना लेंगे
तुम्हे दिल की कसम हैं
तुम मुझे गले लगा लो
तुम्हे सीने से लगा लेंगे
तुम आ जाओ मेरे पास
तुम्हे अपना बना लेंगे....
दिल की यादों को
हम दिल में बसा लेंगे
तुम मुझे अपना हर वक़्त दे दो
तुझे अपना बनाने का
प्यार दिल में आया है
तुम चले आओ मेरे दिल में
तुम्हे अपना बना लेंगे
तुम्हें जीते जी जन्नत दिखा देंगे।।।
-अमित चन्द्रवंशी"सुपा"
17वर्ष 22सितम्बर2016
कवर्धा छत्तीसगढ़ भारत
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