चाइना का समान उपयोग में न लाये तथा लाइट का उपयोग कम से कम करे ताकि किसी दुसरे देश से विद्युत लेने कि जरूरत न पड़े। एक पहल एक सोच भारतीय होने का दावा कीजिए एवम् देश के वर्तमान स्थिति के साथ खड़ा होना सीखे। इसी पर अधारित मेरी(अमित चन्द्रवंशी"सुपा") छोटी सी कविता :-
रियासत गजब का था भारत में,
आधे अंग्रेजो ने लुटा आधे चीनी ने
भारत को इसकदर लुटे लिए हैं,
यहाँ आज भी गरीबी से सामना करते हैं।
मैत्री बहुत देशों से कि भारत ने
फिर भी आज देखने को मिल रहा है
रियासत तो कोहिनुर का था,
आज बड़ी संघर्ष से गुजर रहे हैं।
गोल्डन इंडिया चाइना इंडिया हो गया
चीनी ने दोस्ती नही दुश्मनी से देखा है
आज जो भी देखो चाइना है चाइना,
आखिर चाइना का माल टिकता नही हैं।
पानी रोक दिए नाचीज सी हरकत कर
नासिफ सी हरकत कर अन्न रोक देते हैं
कदम बढ़ाये चीनी समान बहिष्कार कर,
उन्हें भी दिखा दे 'अनेकता में एकता का।'
अंजाम आयेगा चाइना नही बच पायेगा,
भुख से मर जायेगा भिखारी बन जायेगा
पाक खरीदेगा समान चाइना बन जायेगा,
आखिर अंत में दोनों गरीब बन जायेंगे।
औक़ात दिखा दो उस नाचीज चीन का,
इस दीपावली में रंगीन लाइट न जलाओ
अब पहल कीजिए चाइना पटाखे रुख्सत का,
अब भुख से मरेगा चाइना गरीब बनकर।
-अमित चन्द्रवंशी"सुपा"
उम्र-17वर्ष 'विद्यार्थी'
रामनगर, कवर्धा जिला- कबीरधाम
छत्तीसगढ़ मो.-8085686829
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