स्कूल में पैरों की तलास
-अमित चन्द्रवंशी"सुपा"
कदम डगमगाने लगा हैं
उस नन्हे को स्कूल जाते देख
मेरे आँखों में आश्रु आने लगा हैं
स्कूल की तलास मुझे आज भी हैं....
मेरे पैरों की तलास मुझे अभी भी हैं
स्कूल की यादगार पल मेरे साथ हैं
जुनून जस्बा स्कूल को जीतने का हैं
स्कूल की हर लम्हे मेरे साथ जीवित हैं....
वह पल बहुत खुशियों से भरे पड़े थे
12वी के बाद स्कूल से जुदा हो रहे थे
खुश व दुःख की पता नही आँखे नम था
स्कूल के साथ दिल बेजान होने चला था....
उस नन्हे के चहरे पर स्कूल जाने का तेज है
उनके बेजान से चहरे पर उड़ान की किल्कारी गूँजने वाला हैं
आँखों में ख़ुशी की आश्रु की जलधारा प्रवाह हैं
स्कूल की मैदान में आज भी मेरे पैरों की तलास हैं....
खास वह पल वापस आ जाते
क्लास के लास्ट बेंच में हम बैठ जाते
स्कूल में आवाज हमारे गूँज जाते
सभी मित्र एक साथ मिल जाते
पुरने दिनों को यादो के रूप में समेटते....
टीचर के डाट से बचने के लिए बहाने करते
स्कूल में मित्रो की टिफिन में छीनाझपटी करते
खाली पीरियड में गेम्स गेम्स स्पोर्ट टीचर से करते
मैदान में आपने पैरों की तलास आज भी करते.....
-अमित चन्द्रवंशी"सुपा"
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