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शनिवार, 16 जनवरी 2016

ऑटो की सफर

    "ऑटो की सफर"

बैठ गए ऑटो में अंकल चिला रहे थे
सवारी सवारी.......
बड़ी आजिब दासता थी।
सभी लोगो बैठे थे ऑटो में,
सभी बोल रहे थे अब चलो अंकल अब चलो,
लेकिन अंकल किसी सोच में डूबे थे।
बैठ गए ऑटो में सब चिला रहे थे,
चलो चलो.......

इसी बीच अंकल को फिक्र थी सवारी की ,
और वह लेजा नही रहे थे।
वक्त की वास्ता देके सभी चलो चलो बोल रहे थे।
चलो चलो.....

ऑटो चल पड़ी,
सभी सवारी अनजान थे।
मेरे को लगा सभी का मौनव्रत है,
तभी सभी एक दूसरे से बात करने लगे,
ऑटो में पूरी हलचल हो गई।

ऑटो चल पड़ी ,
ट्रॉपिक में रुकी तो सब फिर से ख़मोश हो गये
लेकिन फिर चल पड़ी।

सभी लोग अपने अपने मंजिल में उतरने लगे,
फिर भी अंकल के चहरे पर उदासी थी।
लगता है उनका आज फायद नही हुआ है,
अंकल चले गए और मुझे मेरे मंजिल में छोड़ गए।

ऑटो की सफर बहुत प्यारी थी।
ऑटो की आवाज मेरे मन में बैठ गया है,
ऑटो में बहुत मजा आया,
अब ऑटो की सफर बहुत अनंदीय होता हैं।
चलो चलो......
ऑटो की सफर.......
             
                      #अमित_चन्द्रवंशी

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