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गुरुवार, 14 जनवरी 2016

मेरे कलम से आर्मी के दो बाते

आर्मी दिवस की हार्दिक शुभकामनये

   'मेरे कलम से आर्मी की दो बाते'

सीमा पर रहकर अपने मुल्क को बचाने वाले,
अपनी आशा को भुलकर देश को बचाने वाले।

वीर योद्धा प्राण की जीवन की अमर गाथा,
सरहद पर रहकर हमारा सदैव जीवन बचाना।

अपने जीवन की असीम तत्व को भूलकर,
देश की जनता  के लिए अमरत्व बलिदान।

जीवन की अमरत्व पल को खो देना देश के लिए,
0℃ पर रहकर मातृभूमि की सेवा करना।

मुल्क की आन बान और सान के लिए,
सरहद पर देश की शांति के लिए पहरा देना।

ना खुशिया में आते है और ना दुःख में आते है,
जब भी जवान आता है तिरंगे में लिपटा आता हैं।

मेरे देश की शांति के प्रति आंतक का हाथ आगया है,
मेरे देश में आज पल रक्त की होली खेल दिया जा रहा है।

आशा थी सरहद में शांति से देश के सेवा करेंगे,
मेरे देश की जवान को आतंक यू ही रास्ते में कुचल देते है।

देश की सीमा पर रहने वाले जवान को बुलेटप्रूफ जेकेट चाहिए,
तभी तो देश में शांति तथा भाईचारे रहंगे।

                #अमित_चन्द्रवंशी

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