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मंगलवार, 31 जनवरी 2017

बेटियां



-अमित चन्द्रवंशी "सुपा"

एक बेटी को जलाकर कोख में मार दिया
गर हो उदास तो बेटी को क्यों मार दिया ?

उस नन्ही सी जान को जीना था
उसे तो अभी दुनिया से लड़ना था।

मेरे देश का कानून कितना शक्तिशाली हैं
पर आज दिखा मुझे कितने अंधेरे में हैं।

एक बेटी को कोख में मार दिया
ससुराल में दहेज के लिए मार दिये।

सुनसान सड़क में अकेले नही चलने नही देते
गर जिन्दा होती तो गुंडे कुचल देते।

बेटियां आज पथ में सुरक्षित नही हैं
कैसे कहे हमारा  देश सुरक्षित हैं ?

बेटियां तो आज और कल हैं
सदियों से उनकी पुजा होती हैं
ये भारत 'अमित' नारी पूज्य हैं
कैसे हाल हो रहा है इस देश का??

प्रश्न मन में लिए घूमता हु
ये कैसा भारत बन गया है 'अमित'
बेटिया रोड में तो क्या कोख में सुरक्षित नही हैं

इस देश की पावन भूमि में
इतिहास अमर है बेटियों के नाम
चमक है बेटी इस देश की।

-अमित चन्द्रवंशी "सुपा"
उम्र-17वर्ष रामनगर कवर्धा
छत्तीसगढ़ मगसम-2608/2016
मो.-8085686829


शुक्रवार, 20 जनवरी 2017

गम की छवि इसकदर आया

गम की छवि इसकदर आया...

आह, मैं वापस अब नही आऊंगा
शांत और खामोश गुनगुनी आवाज छुट जायेगा
मेरे यादों में हर पल माँ अब रोयेगी
दादी की वो लोरी बड़ी प्यारी थी
अपने लोरी अकेले अब किसे सुनायेगी?
मेरा शरीर अब नही रहा
माँ पिता तुम रहना हमेशा खुश
दुनिया का हैं दस्तुर
गम को कहना बाय बाय
आँचल में हमेशा मेरी याद आयेगी
शांत रात में महानता की कहानी किसी सुनाओगी?
और मुझे आप बहुत याद आओगी।
प्रभु के पास जा रहा हु
खुल रहे है दरवाजे अलविदा तुम्हे कह गया
अनुमान से जीन अब
मैं नही रहा आपके साथ।
अनंत काल में चले गया
पापा को याद करता हु
पियानो की धुन को ढुंढता हु
अब उस धुन को सुनने वाला कोई नही होगा
किसको पता था क्या हो रहा है हर घन्टे के उस ओर
माँ बस डूब गई
साथ में और भाई बहन दुनिया अलविदा कह दिये
वह गुलाब धुल बन गया
तलवार नही था तलवार बन गया
सुनहरा पल था विष मिल गया ।

कल कानपुर में हुए बस हादसे में मृत और आहात उन मासूमो को नमन् व श्रद्धांजलि! भगवान से दुआ है कभी इसतरह के हादसे न हों।


-स्वरचित अमित चन्द्रवंशी "सुपा" के कलम से
उम्र-17वर्ष विद्यार्थी रामनगर
कवर्धा छत्तीसगढ़
मो.-8085686829
मगसम-2608/2016

मंगलवार, 17 जनवरी 2017

तू एक शरारती बच्चा....

तू  एक शरारती बच्चा,
तेरे साथ  हमेशा सच्चा।

तू बन जा खुदा का बन्दा,
तू जो चाहे मिलेगा सदा।

तेरे रोम रोम में बसता हैं बसेरा,
तू हैं एक कोहिनुर दिल हैं मेरा।

तू जो कहे तेरे कदमो में हैं
तू चाहे कुछ भी तुझे मिला हैं।

तू बन्दा हैं खुदा का,
तुझे चाहत मिला हैं
तू जीवन का नेक बन्दा,
तुझे सब सुख मिला हैं।

मैं एक साथी हु तेरा
पर तुझे कहाँ पता हैं,
मैं तेरे साथ कभी रहू
तुझे तो अपनी पड़ी हैं।

तेरे सामने खुदा हैं
तू शरारती बच्चा,
तेरे मन में उजाला
तेरा दिल का कच्चा।


-अमित चन्द्रवंशी "सुपा"
उम्र-17वर्ष विद्यार्थी
रामनगर कवर्धा छत्तीसगढ़
17/01/2017


सोमवार, 2 जनवरी 2017

नवा बछर आगे

हर साल आथे नवा बछर
फेरभि मनाथन नवा बछर।

काम-बुता करत रहिथेन
एक लिसहनी फेर चढ़गेन।

उमर के बछर कम होंगे
नवा बछर फेर आगे।

जिन्गी के रद्दा गढ़बो
आगु हिरू-हिरु बढ़बो।

नवा बछर म नवा काम करबो
रतिया-दिन सुघ्घर-सुघ्घर रहबो।

12महीना के एक बछर
अजब-गजब दिन देखेला मिलथे।

100बछर के एक एक सदी
हिरु-हिरु बदल जाहि सदी।

-अमित चन्द्रवंशी "सुपा"

रविवार, 1 जनवरी 2017

2k17 की मेरी पहली कविता

2k17 की मेरी पहली कविता

प्रातःकालीन सुरज ने 2k16 को किया अनदेखा,
आपके समक्ष प्रस्तुत हैं 2k17 की गरिमा खुशिया।

एक जनवरी याद में रहेगा हरबार,
साथ में होगा सभी का प्यार-दुलार।
खुशियो को कभी न लगे नजर,
मुबारक हो नया साल का लहर।

आशा की किरण कभी न थके,
जीवन में हमेशा सत्य होकर चमके।
चेहरे की चमक हमेशा बने रहे,
बगिया में फुल हमेशा खिलता रहे।

अल्लाताला आपके साथ है।
ख़िदमत तुझे करना हैं।
रास्ते ढूँढ़ना है तुझे मंजिल का।
साथ होगी दुनिया एकदिन।

सत्य अहिंसा के साथ हमेशा रहो।
कल्याण की भावना हमेशा रहे।

मन में जीत का दिया जलालो।
तुम्हे कोई नही रोक सकता है।
आगे तुझे बढ़ना है मंजिल तेरा हैं।
दुनिया साथ चले आयेगी।

साल धीरे-धीरे बीत जायेगी।
एक दफा फिर सदिया बदल जायेगी।
वक़्त नही है ठहरने का।
मंजिल तुम्हे मिल जायेगी।

-अमित चन्द्रवंशी "सुपा"
उम्र-17वर्ष 'विद्यार्थी'
रचना का समय- 12:30पीएम
1जनवरी 2017 रायपुर
मगसम-2608/2016