"राष्ट्र की सेवा"
एक मंत्र एक लक्ष्य सर्वश्रेष्ठ एकता,
प्रलक्षित होती सबसे मित्रता की भावना।
एक नाता और अनुठा रिश्ता के रास्ता,
सरलता से कामयाबी की दांस्ता।
याद आते है वे वक़्त की दरमियान,
जब करते थे सुखचैन सर तारीफ।
सुना था nss के बारे में कभी,
वक़्त की तहजुब आज रूबरू हो गया।
राष्ट्र की सेवा का दायित्व सभी का,
निरन्तर सेवा सभी करते आ रहे है।
सदी के साथ सोच बदलता गया,
स्वच्छ भारत मिशन से लोग जुड़ते गये।
युवा पीढ़ी समृद्ध भारत की करे पुकार,
हम सबने ठाना है समृद्ध भारत बनाना है।
अदम्य साहस युवा के आंखों में नजर आती है,
समाज की सेवा, उन्नीत में साथ यही कर्म है।
ये सपने है अपने भारत की माटी के लिए,
कर दू तब्दील विकसित देश में।
सरहद में तैनात जवानों को नमन करता हु,
उनकी सेवा तो देखो हमर राष्ट्र स्वतंत्र है।
आशा है आप सभी देश की सेवा में आगे आये,
माँ भारती करती है पुकार, उठो लाल!
संकल्प ले समाज के लिए हर वक़्त तैयार रहे,
जीवन भर सभी का सम्मान करो।
-अमित चन्द्रवंशी "सुपा"
उम्र-18वर्ष 'बीएससी प्रथम वर्ष का छात्र'
रामनगर,कवर्धा, छत्तीसगढ़
मो.-8085686829