सच्ची श्रद्धांजलि!!
वीरो के शहादत याद दिलाता हूं
उठो जागो दुश्मनों को उखाड़ फेको
आजादी की घटा छाई भगत सिंह ने कुर्बानी दिए
देश डूबने लगा था आगे आये वीरपुत्र ने।
वो समय निकट आ गया है
शहादत याद दिलाता हूं
माँ भारती का कर्ज अदा कर जाना है
सच्ची वीरता का पाठ दे जाना है।
बोलना है तो बोल जरा सलिखे से
कोई परदेस नही हिंदुस्तान तेरा है
माँ भारती से अलगाववादी को खत्म करना है
नक्सलवाद को जड़ से मरोड़ना है।
धधक रही है माँ भारती की सीना
ललक प्यार की तलाश में है भारती
कश्मीर में धधक रही है आग
हर दुश्मन को मौत के घाट उतारना है।
कश्मीर हमारा है 1947का भारत नही रहा
जरे जरे में दुश्मन है उसे मार गिराना है
हमारे मुल्क को फिर से विश्व गुरु बनाना है
वीरो की शहादत को युही जाने नही देंगे।
एक अनूठा बाण जड़ में छोड़ेंगे
दुश्मनो का हाल बेहाल हो जायेगा
लहू जो गिरे है उसका बदला लेंगे
यही तो माँ भारती के लिए कर जाना है।
मैं एक भारत का बेटा माँ को नमं करता हु
अमित कहता है एकदिन दुश्मन मिट जायेगा
आतंकवाद से जल रही संसार को मुक्ति मिलेगा
अब समय आ गया है चुन चुन के मारने का।
एक भी अलगाववादी नक्सली नही दिखेंगा
सबके धड़ चुन चुन के अलग कर देंगे
एक शहादत के जवान को सच्ची श्रद्धांजलि
दुश्मनो को खत्म कर माँ भारती में समर्पण हो जायेंगे।
-अमित चन्द्रवंशी "सुपा"
उम्र-18वर्ष 'विद्यार्थी'
रामनगर,कवर्धा, छत्तीसगढ़