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बुधवार, 20 दिसंबर 2017

वीरता की मिसाल

वीरता की मिसाल

चारों तरफ कोहरे
ओले बरस रहे है
जमीन नजर नही
आ रहे है
बर्फ की चटटानों
से भरे है...

जीरो डिग्री में
सरहद में तैनात जवान
देश की रक्षा में
दिनरात सेवा दे रहे है
देशप्रेम की कल्पना
करना मुश्किल है...

एक वह है जो
महीनों से घर न आये
देश सेवा में लीन
जगते रातदिन
न सोने की चिंता
न खाने की चिंता...

नमन जांबाज जवान को
अपने आपको भूल
सबकी रक्षा करते
मैं का भाव नही
हम सब की शांति
के लिए तैनात...

समझौता के साथ
शान्ति कायम किये
उनके जज़्बे को सलाम
मिट गए पर आंच आन न दी
भारत माँ के वीर जवान
लड़ते रहे अंतिम घड़ी तक
घुटने नही टेके
दुश्मन को मार गिराये....

-अमित चन्द्रवंशी "सुपा"
उम्र-18वर्ष 'बीएससी प्रथम वर्ष का छात्र'
रामनगर,कवर्धा, छत्तीसगढ़
दुर्ग साइंस कॉलेज में अध्ययनरत
रामनगर,कवर्धा, छत्तीसगढ़

रविवार, 17 दिसंबर 2017

जिंदा हु क्या मैं

जिंदा हु क्या मैं

जलते हुए संसार से
सब इधर उधर हो रहे है
मानो पंखों तो है
पर उड़ान बेकार हो
जिंदा हु क्या मैं

समय के पैमाने में
सब ढलते नजर आ रहे है
सभी को लक्ष्य की पड़ी है
जिंदगी बेसाहबी दुनिया है
जिंदा हु क्या मैं

बैर किसी से न झगड़ा
जल रहे है खुद-ब-खुद
पंख फैलाये
तो उड़ान किस लिए
जिंदा हु क्या मैं

सब्र की बाधा तोड़
चल पड़े है मंजिल की ओर
टकराव तो बहुत है
मन बैठता नही है
जिंदा हु क्या मैं

पर्यावरण का विनाश कर
प्रगति कर रहे है
अभी तो शुरुआत है
आगे तो पूरी जिंदगी है
जिंदा हु क्या मैं

आपस में लड़ नही रहे है
तब तक तो ठीक है
जब भीड़ बैठे आपस में
महायुद्ध की कल्पना है
जिंदा हु क्या मैं

राह गुजर मंजिल तक जाता है
खाली हाथ नही
दो दाने साथ रखा रहता है
भूख न मरे प्यास से न तड़पे
जिंदा हु क्या मैं

खाली हाथ आये है
चले जायेंगे भी
साथ काफिल तो होगी
हमारी यादे पहचान बन जायेगी
जिंदा हु क्या मैं

-अमित चन्द्रवंशी "सुपा"