गुनहगार कौन है
चारो तरफ सियासत है
नजर किधर घुमाए
यहाँ सुनने वाला कौन है
मौत का तमाशा देखने वाले
खामोश क्यो है
कर्ज से भरा है थैला
हाथ किधर फैलाये
आवाज सभी तरफ से आया
कुर्सी के लिए सब लड़ पड़े है
आखिर जाये किधर
आखिर समाज मौन क्यो है
जब हाथ थम जाये
तमाशा देखते रह जायेगा
विकास यही तक समिति है
फिर मौत का जिम्मेदार कौन
जब सृजनकर्ता नही रहे
विकास अधूरा
भयभीत नजर आएगा
तकनीकी कुछ काम का नही रहेगा
फिर मौन क्यो है
विकट स्थिति नजर आती है
खेत मे नजर दौड़ाते है
दिल दहल जाता है
सूखे के कारण
खेत मे किसान आत्महत्या
कर लेता है
कर्ज का बोझ सहा नही जाता
इतना जनता हूँ
परिस्थिति किसान को
आत्महत्या के लिए मजबूर कर
देता है
फिर गुनहगार कौन है
न नेता न कोई पार्टी
दोष सियासत की कुर्सी है
बैठने वाले बैठ जाते है
समस्या तो गरीब किसान की है
अपनी आवाज हम किसे सुनाये
बिलखती उन आंखों में
कुछ नजर नही आता है
अनपढ़ है जागरूक नही
किसान है किसानी करना धर्म
जागरूक कहाँ से बने
-अमित चन्द्रवंशी "सुपा"
उम्र-18वर्ष 'बीएससी प्रथम वर्ष का छात्र'
रामनगर,कवर्धा,छत्तीसगढ़
साइंस कॉलेज दुर्ग छत्तीसगढ़ में अध्ययनरत
ईमेल- Amitchandravanshi74@gmail.com