वास्तव में जेल में होता क्या है??!!
यातनाओं का सह मैं जेल में रहा,
फिर भी कुछ बदलाव मेरे अंदर नही हुआ।
सजा हो जाता है फिर कुछ नही रहा,
सिर्फ चोर गुंडे बदमाश से मुलाकात हुआ।
अग्नि चक्र जैसा कोई व्यवहार नही हुआ,
कोई अच्छे बात सिखाये जो वहाँ नही है।
सिर्फ गुंडे लाचार चोरों से भर पड़ा हुआ,
जेल सिर्फ सजा काटने का लिए बना है।
बहुत से नए नए जुर्म सीख आया हु,
मेरा दिन जेल में बदमाशी सीखने में गया।
चोर लुटरे बदमाश संग रह आया हु,
चार बाते जो नही जानता था वह सीख आया।
जेल की दशा का कोई विकल्प नही,
जो नही सीखे वह वहाँ सीख जाते है।
कोर्ट में सत्य के भरोषे ईमान नही,
आज सबुतो के आधार पर सजा देते है।
सालो-साल बीत गया मेरा जेल में,
लोकतंत्र की हत्या कर मैं वहाँ गया था।
सीखने का कुछ नही रह गया जेल में,
सजा में सिर्फ और सिर्फ बुराई सीखा था।
हाथ बन्द किये गया उस जेल में,
मुठ्ठी खुल गया और बुराई का आगमन हुआ।
सत्य और अहिंसा अब नही जेल में,
धीरे धीरे आतंक का जमाव अब जेल में हुआ।
-अमित चन्द्रवंशी 'सुपा'
उम्र-18वर्ष मो.8085686829
रामनगर, कवर्धा, छत्तीसगढ़