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शुक्रवार, 29 जून 2018

संघर्ष

संघर्ष

हार कर जितना
मन को एकाग्र
सत्य के पथ में
हमेशा अग्रसर
स्वयं को बदल
हमेशा साथ चलना
एक ज्वाला की तरह
हर वक़्त खड़े होना
आंधी में चटटान
गर्म में गलेशियर
ठंड में मोम
फूल की तरह खुश्बू
लोहे की तरह तपना
नित्य कर्तव्य पथ में
सदैव अग्रसर बढ़ना
अनेकता में एकता
जिंदगी में सत्य
हरतरफ अनमोल
स्वतंत्र होकर
लक्ष्य तक पहुँचना
गिरकर चढ़ना
हार को जीत में
तब्दील करना
गिरकर खड़ा होना
लक्ष्य तक डटे रहना
सरलता झलकती हुई
नित्य कर्म करना
भय स्वर्थ बिना
लय लिए
जीत के लिए आगे बढ़ना।

-अमित चन्द्रवंशी "सुपा"
उम्र-19वर्ष 'विद्यार्थी'
रामनगर,कवर्धा,छत्तीसगढ़



शनिवार, 23 जून 2018

बिक गया

बिक गया..

बाजार देखा
व्यपारियो का
अनाज बिक गया
खेत देखा
तो किसान?
मुरझाकर
मेड़ में पड़ा है।

लहलहाती फसलें
सौंधी सौंधी महक
चारो दिशा में
बिखर रही है
फिर भी
आखिर किसान क्यो?
सिकुड़कर सो गया

घर मे छत न हो
पर आस
और आँख
विशाल आकाश की ओर
टकटकी लागये हुए
विश्व को
जीवनदान दे रहे है।

कभी अपने लिये नही
कभी स्वार्थ नही
विश्व के लिये
अनाज उपजाये
निरन्तर सेवा किये
विकास में
हाथ किसान का।

भूख में किसान का
हड्डियां सिकुड़ गया
राह न बदलकर
हमेशा देश हित
विश्व हित को ध्यान रखते
किसान तो है
अनाज बिक गया।

-अमित चन्द्रवंशी "सुपा"
उम्र-19वर्ष 'विद्यार्थी'
रामनगर,कवर्धा,छत्तीसगढ़
मो.-8085686829