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मंगलवार, 16 जनवरी 2018

उम्र ही तो है...

उम्र ही तो है...

जन्म हुआ
स्वर्णिम समय था
नन्हे किलकारी से
बचपन आई
कुछ वर्ष का था मैं
बड़ी शरारत करता था
यादों का बौछार लिये
उम्र ही तो है...

उस दौर से गुजरा
बचपन की याद को
अपने बांहों में समेटे
सादगी का अहसास
करते हुये बड़ा हुआ
युवा दौर से गुजरा
पढ़ लिख कामयाब बना
उम्र ही तो है....

परिवर्तन नियम है
आंखों में संजोय
युवा से जवान में
तब्दील हुआ
एक नई उमंग के साथ
दो रोटी बटोरे
आँखों मे चमक आई
सफलता मिला
उम्र ही तो है...

दिन-ब-दिन
वर्ष बितता गया
जीवन का दस्तूर है
खुशी की लहर
दौड़ने लगी
मानो चारों ओर
स्वपन साकार हुए
उम्र ही तो है....

समय व्यतीत होते गया
सभी दौर से गुजर गया
एक दौर बचा था
अपने बच्चो
कामयाब देख
उनके बच्चो को
गोद मे उठाने का
वह भी पूरा हुआ
उम्र ही तो है...

अंत मे वह समय आया
जब किसी
सहारे की जरूरत पड़ी
अपने बेटे को करीब पाया
साल बीतता गया
जन्म हुआ है
तो अंतिम दौर भी आया
उम्र ही तो है...

-अमित चन्द्रवंशी "सुपा"
उम्र-18 वर्ष 'बीएससी प्रथम वर्ष का छात्र'
रामनगर,कवर्धा, छत्तीसगढ़
वर्तमान साइंस कॉलेज दुर्ग में अध्ययनरत
मो.-8085686829